रामायणम् — 2.46.34
Original
Segmented
दूरे ऽपि निवसन्तम् त्वाम् मानसेन अग्रतस् स्थितम् चिन्तयन्त्यो ऽद्य नूनम् त्वाम् निराहाराः कृताः प्रजाः
Analysis
Word | Lemma | Parse |
---|---|---|
दूरे | दूर | pos=a,g=n,c=7,n=s |
ऽपि | अपि | pos=i |
निवसन्तम् | निवस् | pos=va,g=m,c=2,n=s,f=part |
त्वाम् | त्वद् | pos=n,g=,c=2,n=s |
मानसेन | मानस | pos=n,g=n,c=3,n=s |
अग्रतस् | अग्रतस् | pos=i |
स्थितम् | स्था | pos=va,g=m,c=2,n=s,f=part |
चिन्तयन्त्यो | चिन्तय् | pos=va,g=f,c=1,n=p,f=part |
ऽद्य | अद्य | pos=i |
नूनम् | नूनम् | pos=i |
त्वाम् | त्वद् | pos=n,g=,c=2,n=s |
निराहाराः | निराहार | pos=a,g=f,c=1,n=p |
कृताः | कृ | pos=va,g=f,c=1,n=p,f=part |
प्रजाः | प्रजा | pos=n,g=f,c=1,n=p |