रामायणम् — 2.46.26
Original
Segmented
भरतम् च परिष्वज्य यौवराज्ये ऽभिषिच्य च मद्-संताप-जम् दुःखम् न त्वाम् अभिभविष्यति
Analysis
Word | Lemma | Parse |
---|---|---|
भरतम् | भरत | pos=n,g=m,c=2,n=s |
च | च | pos=i |
परिष्वज्य | परिष्वज् | pos=vi |
यौवराज्ये | यौवराज्य | pos=n,g=n,c=7,n=s |
ऽभिषिच्य | अभिषिच् | pos=vi |
च | च | pos=i |
मद् | मद् | pos=n,comp=y |
संताप | संताप | pos=n,comp=y |
जम् | ज | pos=a,g=n,c=1,n=s |
दुःखम् | दुःख | pos=n,g=n,c=1,n=s |
न | न | pos=i |
त्वाम् | त्वद् | pos=n,g=,c=2,n=s |
अभिभविष्यति | अभिभू | pos=v,p=3,n=s,l=lrt |