रामायणम् — 2.45.15
Original
Segmented
जीवेद् अपि हि मे माता शत्रुघ्नस्य अन्ववेक्षया तद् दुःखम् यत् तु कौसल्या वीरसूः विनशिष्यति
Analysis
Word | Lemma | Parse |
---|---|---|
जीवेद् | जीव् | pos=v,p=3,n=s,l=vidhilin |
अपि | अपि | pos=i |
हि | हि | pos=i |
मे | मद् | pos=n,g=,c=6,n=s |
माता | मातृ | pos=n,g=f,c=1,n=s |
शत्रुघ्नस्य | शत्रुघ्न | pos=n,g=m,c=6,n=s |
अन्ववेक्षया | अन्ववेक्षा | pos=n,g=f,c=3,n=s |
तद् | तद् | pos=n,g=n,c=1,n=s |
दुःखम् | दुःख | pos=n,g=n,c=1,n=s |
यत् | यत् | pos=i |
तु | तु | pos=i |
कौसल्या | कौसल्या | pos=n,g=f,c=1,n=s |
वीरसूः | वीरसू | pos=n,g=f,c=1,n=s |
विनशिष्यति | विनश् | pos=v,p=3,n=s,l=lrt |