रामायणम् — 2.4.15
Original
Segmented
न किंचिन् मम कर्तव्यम् ते अन्यत्र अभिषेचनात् अतो यत् त्वाम् अहम् ब्रूयाम् तन् मे त्वम् कर्तुम् अर्हसि
Analysis
Word | Lemma | Parse |
---|---|---|
न | न | pos=i |
किंचिन् | कश्चित् | pos=n,g=n,c=1,n=s |
मम | मद् | pos=n,g=,c=6,n=s |
कर्तव्यम् | कृ | pos=va,g=n,c=1,n=s,f=krtya |
ते | त्वद् | pos=n,g=,c=6,n=s |
अन्यत्र | अन्यत्र | pos=i |
अभिषेचनात् | अभिषेचन | pos=n,g=n,c=5,n=s |
अतो | अतस् | pos=i |
यत् | यद् | pos=n,g=n,c=2,n=s |
त्वाम् | त्वद् | pos=n,g=,c=2,n=s |
अहम् | मद् | pos=n,g=,c=1,n=s |
ब्रूयाम् | ब्रू | pos=v,p=1,n=s,l=vidhilin |
तन् | तद् | pos=n,g=n,c=2,n=s |
मे | मद् | pos=n,g=,c=6,n=s |
त्वम् | त्वद् | pos=n,g=,c=1,n=s |
कर्तुम् | कृ | pos=vi |
अर्हसि | अर्ह् | pos=v,p=2,n=s,l=lat |