रामायणम् — 2.37.27
Original
Segmented
न त्वाम् पश्यामि कौसल्ये साधु माम् पाणिना स्पृश रामम् मे ऽनुगता दृष्टिः अद्य अपि न निवर्तते
Analysis
Word | Lemma | Parse |
---|---|---|
न | न | pos=i |
त्वाम् | त्वद् | pos=n,g=,c=2,n=s |
पश्यामि | दृश् | pos=v,p=1,n=s,l=lat |
कौसल्ये | कौसल्या | pos=n,g=f,c=8,n=s |
साधु | साधु | pos=a,g=n,c=2,n=s |
माम् | मद् | pos=n,g=,c=2,n=s |
पाणिना | पाणि | pos=n,g=m,c=3,n=s |
स्पृश | स्पृश् | pos=v,p=2,n=s,l=lot |
रामम् | राम | pos=n,g=m,c=2,n=s |
मे | मद् | pos=n,g=,c=6,n=s |
ऽनुगता | अनुगम् | pos=va,g=f,c=1,n=s,f=part |
दृष्टिः | दृष्टि | pos=n,g=f,c=1,n=s |
अद्य | अद्य | pos=i |
अपि | अपि | pos=i |
न | न | pos=i |
निवर्तते | निवृत् | pos=v,p=3,n=s,l=lat |