रामायणम् — 2.34.7
Original
Segmented
एकस्याः खलु कैकेय्याः कृते ऽयम् क्लिश्यते जनः स्व-अर्थे प्रयतमानायाः संश्रित्य निकृतिम् त्व् इमाम्
Analysis
Word | Lemma | Parse |
---|---|---|
एकस्याः | एक | pos=n,g=f,c=6,n=s |
खलु | खलु | pos=i |
कैकेय्याः | कैकेयी | pos=n,g=f,c=6,n=s |
कृते | कृत | pos=n,g=n,c=7,n=s |
ऽयम् | इदम् | pos=n,g=m,c=1,n=s |
क्लिश्यते | क्लिश् | pos=v,p=3,n=s,l=lat |
जनः | जन | pos=n,g=m,c=1,n=s |
स्व | स्व | pos=a,comp=y |
अर्थे | अर्थ | pos=n,g=m,c=7,n=s |
प्रयतमानायाः | प्रयत् | pos=va,g=f,c=6,n=s,f=part |
संश्रित्य | संश्रि | pos=vi |
निकृतिम् | निकृति | pos=n,g=f,c=2,n=s |
त्व् | तु | pos=i |
इमाम् | इदम् | pos=n,g=f,c=2,n=s |