रामायणम् — 2.34.34
Original
Segmented
संवासात् परुषम् किंचिद् अज्ञानाद् वा अपि यत् कृतम् तन् मे समनुजानीत सर्वाः च आमन्त्रयामि वः
Analysis
Word | Lemma | Parse |
---|---|---|
संवासात् | संवास | pos=n,g=m,c=5,n=s |
परुषम् | परुष | pos=n,g=n,c=1,n=s |
किंचिद् | कश्चित् | pos=n,g=n,c=1,n=s |
अज्ञानाद् | अज्ञान | pos=n,g=n,c=5,n=s |
वा | वा | pos=i |
अपि | अपि | pos=i |
यत् | यद् | pos=n,g=n,c=1,n=s |
कृतम् | कृ | pos=va,g=n,c=1,n=s,f=part |
तन् | तद् | pos=n,g=n,c=2,n=s |
मे | मद् | pos=n,g=,c=4,n=s |
समनुजानीत | समनुज्ञा | pos=v,p=2,n=p,l=lot |
सर्वाः | सर्व | pos=n,g=f,c=2,n=p |
च | च | pos=i |
आमन्त्रयामि | आमन्त्रय् | pos=v,p=1,n=s,l=lat |
वः | त्वद् | pos=n,g=,c=2,n=p |