रामायणम् — 2.33.3
Original
Segmented
यो हि दत्त्वा द्विप-श्रेष्ठम् कक्ष्यायाम् कुरुते मनः रज्जु-स्नेहेन किम् तस्य त्यजतः कुञ्जर-उत्तमम्
Analysis
Word | Lemma | Parse |
---|---|---|
यो | यद् | pos=n,g=m,c=1,n=s |
हि | हि | pos=i |
दत्त्वा | दा | pos=vi |
द्विप | द्विप | pos=n,comp=y |
श्रेष्ठम् | श्रेष्ठ | pos=a,g=m,c=2,n=s |
कक्ष्यायाम् | कक्ष्या | pos=n,g=f,c=7,n=s |
कुरुते | कृ | pos=v,p=3,n=s,l=lat |
मनः | मनस् | pos=n,g=n,c=2,n=s |
रज्जु | रज्जु | pos=n,comp=y |
स्नेहेन | स्नेह | pos=n,g=m,c=3,n=s |
किम् | क | pos=n,g=n,c=1,n=s |
तस्य | तद् | pos=n,g=m,c=6,n=s |
त्यजतः | त्यज् | pos=va,g=m,c=6,n=s,f=part |
कुञ्जर | कुञ्जर | pos=n,comp=y |
उत्तमम् | उत्तम | pos=a,g=m,c=2,n=s |