रामायणम् — 2.32.7
Original
Segmented
यजन् पुण्येषु देशेषु विसृजंः च आप्त-दक्षिणाः ऋषिभिः च समागम्य प्रवत्स्यति सुखम् वने
Analysis
Word | Lemma | Parse |
---|---|---|
यजन् | यज् | pos=va,g=m,c=1,n=s,f=part |
पुण्येषु | पुण्य | pos=a,g=m,c=7,n=p |
देशेषु | देश | pos=n,g=m,c=7,n=p |
विसृजंः | विसृज् | pos=va,g=m,c=1,n=s,f=part |
च | च | pos=i |
आप्त | आप्त | pos=n,comp=y |
दक्षिणाः | दक्षिणा | pos=n,g=f,c=2,n=p |
ऋषिभिः | ऋषि | pos=n,g=m,c=3,n=p |
च | च | pos=i |
समागम्य | समागम् | pos=vi |
प्रवत्स्यति | प्रवस् | pos=v,p=3,n=s,l=lrt |
सुखम् | सुखम् | pos=i |
वने | वन | pos=n,g=n,c=7,n=s |