Original

स सत्यवादी धर्मात्मा गाम्भीर्यात्सागरोपमः ।आकाश इव निष्पङ्को नरेन्द्रः प्रत्युवाच तम् ॥ ६ ॥

Segmented

स सत्य-वादी धर्म-आत्मा गाम्भीर्यात् सागर-उपमः आकाश इव निष्पङ्को नरेन्द्रः प्रत्युवाच तम्

Analysis

Word Lemma Parse
तद् pos=n,g=m,c=1,n=s
सत्य सत्य pos=n,comp=y
वादी वादिन् pos=a,g=m,c=1,n=s
धर्म धर्म pos=n,comp=y
आत्मा आत्मन् pos=n,g=m,c=1,n=s
गाम्भीर्यात् गाम्भीर्य pos=n,g=n,c=5,n=s
सागर सागर pos=n,comp=y
उपमः उपम pos=a,g=m,c=1,n=s
आकाश आकाश pos=n,g=m,c=1,n=s
इव इव pos=i
निष्पङ्को निष्पङ्क pos=a,g=m,c=1,n=s
नरेन्द्रः नरेन्द्र pos=n,g=m,c=1,n=s
प्रत्युवाच प्रतिवच् pos=v,p=3,n=s,l=lit
तम् तद् pos=n,g=m,c=2,n=s