रामायणम् — 2.31.33
Original
Segmented
पुरम् च राष्ट्रम् च मही च केवला मया निसृष्टा भरताय दीयताम् अहम् निदेशम् भवतो ऽनुपालयन् वनम् गमिष्यामि चिराय सेवितुम्
Analysis
Word | Lemma | Parse |
---|---|---|
पुरम् | पुर | pos=n,g=n,c=1,n=s |
च | च | pos=i |
राष्ट्रम् | राष्ट्र | pos=n,g=n,c=1,n=s |
च | च | pos=i |
मही | मही | pos=n,g=f,c=1,n=s |
च | च | pos=i |
केवला | केवल | pos=a,g=m,c=1,n=p |
मया | मद् | pos=n,g=,c=3,n=s |
निसृष्टा | निसृज् | pos=va,g=m,c=1,n=p,f=part |
भरताय | भरत | pos=n,g=m,c=4,n=s |
दीयताम् | दा | pos=v,p=3,n=s,l=lot |
अहम् | मद् | pos=n,g=,c=1,n=s |
निदेशम् | निदेश | pos=n,g=m,c=2,n=s |
भवतो | भवत् | pos=a,g=m,c=6,n=s |
ऽनुपालयन् | अनुपालय् | pos=va,g=m,c=1,n=s,f=part |
वनम् | वन | pos=n,g=n,c=2,n=s |
गमिष्यामि | गम् | pos=v,p=1,n=s,l=lrt |
चिराय | चिराय | pos=i |
सेवितुम् | सेव् | pos=vi |