Original

ततः प्रहृष्टा परिपूर्णमानसा यशस्विनी भर्तुरवेक्ष्य भाषितम् ।धनानि रत्नानि च दातुमङ्गना प्रचक्रमे धर्मभृतां मनस्विनी ॥ ३३ ॥

Segmented

ततः प्रहृष्टा परिपूर्ण-मानसा यशस्विनी भर्तुः अवेक्ष्य भाषितम् धनानि रत्नानि च दातुम् अङ्गना प्रचक्रमे धर्म-भृताम् मनस्विनी

Analysis

Word Lemma Parse
ततः ततस् pos=i
प्रहृष्टा प्रहृष् pos=va,g=f,c=1,n=s,f=part
परिपूर्ण परिपृ pos=va,comp=y,f=part
मानसा मानस pos=n,g=f,c=1,n=s
यशस्विनी यशस्विन् pos=a,g=f,c=1,n=s
भर्तुः भर्तृ pos=n,g=m,c=6,n=s
अवेक्ष्य अवेक्ष् pos=vi
भाषितम् भाषित pos=n,g=n,c=2,n=s
धनानि धन pos=n,g=n,c=2,n=p
रत्नानि रत्न pos=n,g=n,c=2,n=p
pos=i
दातुम् दा pos=vi
अङ्गना अङ्गना pos=n,g=f,c=1,n=s
प्रचक्रमे प्रक्रम् pos=v,p=3,n=s,l=lit
धर्म धर्म pos=n,comp=y
भृताम् भृत् pos=a,g=m,c=6,n=p
मनस्विनी मनस्विन् pos=a,g=f,c=1,n=s