रामायणम् — 2.24.5
Original
Segmented
यदि त्वम् प्रस्थितो दुर्गम् वनम् अद्य एव राघव अग्रतस् ते गमिष्यामि मृद्नन्ती कुश-कण्टकान्
Analysis
Word | Lemma | Parse |
---|---|---|
यदि | यदि | pos=i |
त्वम् | त्वद् | pos=n,g=,c=1,n=s |
प्रस्थितो | प्रस्था | pos=va,g=m,c=1,n=s,f=part |
दुर्गम् | दुर्ग | pos=a,g=n,c=2,n=s |
वनम् | वन | pos=n,g=n,c=2,n=s |
अद्य | अद्य | pos=i |
एव | एव | pos=i |
राघव | राघव | pos=n,g=m,c=8,n=s |
अग्रतस् | अग्रतस् | pos=i |
ते | त्वद् | pos=n,g=,c=6,n=s |
गमिष्यामि | गम् | pos=v,p=1,n=s,l=lrt |
मृद्नन्ती | मृद् | pos=va,g=f,c=1,n=s,f=part |
कुश | कुश | pos=n,comp=y |
कण्टकान् | कण्टक | pos=n,g=m,c=2,n=p |