रामायणम् — 2.23.23
Original
Segmented
भरतस्य समीपे ते न अहम् कथ्यः कदाचन ऋद्धि-युक्ताः हि पुरुषा न सहन्ते पर-स्तवम् तस्मान् न ते गुणाः कथ्या भरतस्य अग्रतस् मम
Analysis
Word | Lemma | Parse |
---|---|---|
भरतस्य | भरत | pos=n,g=m,c=6,n=s |
समीपे | समीप | pos=n,g=n,c=7,n=s |
ते | त्वद् | pos=n,g=,c=4,n=s |
न | न | pos=i |
अहम् | मद् | pos=n,g=,c=1,n=s |
कथ्यः | कथ् | pos=va,g=m,c=1,n=s,f=krtya |
कदाचन | कदाचन | pos=i |
ऋद्धि | ऋद्धि | pos=n,comp=y |
युक्ताः | युज् | pos=va,g=m,c=1,n=p,f=part |
हि | हि | pos=i |
पुरुषा | पुरुष | pos=n,g=m,c=1,n=p |
न | न | pos=i |
सहन्ते | सह् | pos=v,p=3,n=p,l=lat |
पर | पर | pos=n,comp=y |
स्तवम् | स्तव | pos=n,g=m,c=2,n=s |
तस्मान् | तस्मात् | pos=i |
न | न | pos=i |
ते | त्वद् | pos=n,g=,c=4,n=s |
गुणाः | गुण | pos=n,g=m,c=1,n=p |
कथ्या | कथ् | pos=va,g=m,c=1,n=p,f=krtya |
भरतस्य | भरत | pos=n,g=m,c=6,n=s |
अग्रतस् | अग्रतस् | pos=i |
मम | मद् | pos=n,g=,c=6,n=s |