रामायणम् — 2.20.9
Original
Segmented
लोक-विद्विष्टम् आरब्धम् त्वद्-अन्यस्य अभिषेचनम् येन इयम् आगता द्वैधम् तव बुद्धिः महीपते स हि धर्मो मम द्वेष्यः प्रसङ्गाद् यस्य मुह्यसि
Analysis
Word | Lemma | Parse |
---|---|---|
लोक | लोक | pos=n,comp=y |
विद्विष्टम् | विद्विष् | pos=va,g=n,c=1,n=s,f=part |
आरब्धम् | आरभ् | pos=va,g=n,c=1,n=s,f=part |
त्वद् | त्वद् | pos=n,comp=y |
अन्यस्य | अन्य | pos=n,g=m,c=6,n=s |
अभिषेचनम् | अभिषेचन | pos=n,g=n,c=1,n=s |
येन | यद् | pos=n,g=n,c=3,n=s |
इयम् | इदम् | pos=n,g=f,c=1,n=s |
आगता | आगम् | pos=va,g=f,c=1,n=s,f=part |
द्वैधम् | द्वैध | pos=n,g=n,c=2,n=s |
तव | त्वद् | pos=n,g=,c=6,n=s |
बुद्धिः | बुद्धि | pos=n,g=f,c=1,n=s |
महीपते | महीपति | pos=n,g=m,c=8,n=s |
स | तद् | pos=n,g=m,c=1,n=s |
हि | हि | pos=i |
धर्मो | धर्म | pos=n,g=m,c=1,n=s |
मम | मद् | pos=n,g=,c=6,n=s |
द्वेष्यः | द्विष् | pos=va,g=m,c=1,n=s,f=krtya |
प्रसङ्गाद् | प्रसङ्ग | pos=n,g=m,c=5,n=s |
यस्य | यद् | pos=n,g=m,c=6,n=s |
मुह्यसि | मुह् | pos=v,p=2,n=s,l=lat |