रामायणम् — 2.20.24
Original
Segmented
मङ्गलैः अभिषिञ्चस्व तत्र त्वम् व्यापृतो भव अहम् एको महीपालान् अलम् वारयितुम् बलात्
Analysis
Word | Lemma | Parse |
---|---|---|
मङ्गलैः | मङ्गल | pos=n,g=n,c=3,n=p |
अभिषिञ्चस्व | अभिषिच् | pos=v,p=2,n=s,l=lot |
तत्र | तत्र | pos=i |
त्वम् | त्वद् | pos=n,g=,c=1,n=s |
व्यापृतो | व्यापृत | pos=a,g=m,c=1,n=s |
भव | भू | pos=v,p=2,n=s,l=lot |
अहम् | मद् | pos=n,g=,c=1,n=s |
एको | एक | pos=n,g=m,c=1,n=s |
महीपालान् | महीपाल | pos=n,g=m,c=2,n=p |
अलम् | अलम् | pos=i |
वारयितुम् | वारय् | pos=vi |
बलात् | बल | pos=n,g=n,c=5,n=s |