रामायणम् — 2.2.32
Original
Segmented
सर्वान् देवान् नमस्यन्ति रामस्य अर्थे यशस्विनः तेषाम् आयाचितम् देव त्वद्-प्रसादात् समृध्यताम्
Analysis
Word | Lemma | Parse |
---|---|---|
सर्वान् | सर्व | pos=n,g=m,c=2,n=p |
देवान् | देव | pos=n,g=m,c=2,n=p |
नमस्यन्ति | नमस्य् | pos=v,p=3,n=p,l=lat |
रामस्य | राम | pos=n,g=m,c=6,n=s |
अर्थे | अर्थ | pos=n,g=m,c=7,n=s |
यशस्विनः | यशस्विन् | pos=a,g=m,c=6,n=s |
तेषाम् | तद् | pos=n,g=m,c=6,n=p |
आयाचितम् | आयाचित | pos=n,g=n,c=1,n=s |
देव | देव | pos=n,g=m,c=8,n=s |
त्वद् | त्वद् | pos=n,comp=y |
प्रसादात् | प्रसाद | pos=n,g=m,c=5,n=s |
समृध्यताम् | समृध् | pos=v,p=3,n=s,l=lot |