रामायणम् — 2.2.28
Original
Segmented
व्यसनेषु मनुष्याणाम् भृशम् भवति दुःखितः उत्सवेषु च सर्वेषु पिता इव परितुष्यति
Analysis
Word | Lemma | Parse |
---|---|---|
व्यसनेषु | व्यसन | pos=n,g=n,c=7,n=p |
मनुष्याणाम् | मनुष्य | pos=n,g=m,c=6,n=p |
भृशम् | भृशम् | pos=i |
भवति | भू | pos=v,p=3,n=s,l=lat |
दुःखितः | दुःखित | pos=a,g=m,c=1,n=s |
उत्सवेषु | उत्सव | pos=n,g=m,c=7,n=p |
च | च | pos=i |
सर्वेषु | सर्व | pos=n,g=m,c=7,n=p |
पिता | पितृ | pos=n,g=m,c=1,n=s |
इव | इव | pos=i |
परितुष्यति | परितुष् | pos=v,p=3,n=s,l=lat |