रामायणम् — 2.19.21
Original
Segmented
व्याहते ऽप्य् अभिषेके मे परितापो न विद्यते तस्माद् अ परितापः संस् त्वम् अप्य् अनुविधाय माम् प्रतिसंहारय क्षिप्रम् आभिषेचनिकीम् क्रियाम्
Analysis
Word | Lemma | Parse |
---|---|---|
व्याहते | व्याहन् | pos=va,g=m,c=7,n=s,f=part |
ऽप्य् | अपि | pos=i |
अभिषेके | अभिषेक | pos=n,g=m,c=7,n=s |
मे | मद् | pos=n,g=,c=6,n=s |
परितापो | परिताप | pos=n,g=m,c=1,n=s |
न | न | pos=i |
विद्यते | विद् | pos=v,p=3,n=s,l=lat |
तस्माद् | तस्मात् | pos=i |
अ | अ | pos=i |
परितापः | परिताप | pos=n,g=m,c=1,n=s |
संस् | अस् | pos=va,g=m,c=1,n=s,f=part |
त्वम् | त्वद् | pos=n,g=,c=1,n=s |
अप्य् | अपि | pos=i |
अनुविधाय | अनुविधा | pos=vi |
माम् | मद् | pos=n,g=,c=2,n=s |
प्रतिसंहारय | प्रतिसंहारय् | pos=v,p=2,n=s,l=lot |
क्षिप्रम् | क्षिप्रम् | pos=i |
आभिषेचनिकीम् | आभिषेचनिक | pos=a,g=f,c=2,n=s |
क्रियाम् | क्रिया | pos=n,g=f,c=2,n=s |