रामायणम् — 2.19.18
Original
Segmented
यद् अचिन्त्यम् तु तद् दैवम् भूतेष्व् अपि न हन्यते व्यक्तम् मयि च तस्याम् च पतितो हि विपर्ययः
Analysis
Word | Lemma | Parse |
---|---|---|
यद् | यद् | pos=n,g=n,c=1,n=s |
अचिन्त्यम् | अचिन्त्य | pos=a,g=n,c=1,n=s |
तु | तु | pos=i |
तद् | तद् | pos=n,g=n,c=1,n=s |
दैवम् | दैव | pos=n,g=n,c=1,n=s |
भूतेष्व् | भूत | pos=n,g=n,c=7,n=p |
अपि | अपि | pos=i |
न | न | pos=i |
हन्यते | हन् | pos=v,p=3,n=s,l=lat |
व्यक्तम् | व्यक्त | pos=a,g=n,c=2,n=s |
मयि | मद् | pos=n,g=,c=7,n=s |
च | च | pos=i |
तस्याम् | तद् | pos=n,g=f,c=7,n=s |
च | च | pos=i |
पतितो | पत् | pos=va,g=m,c=1,n=s,f=part |
हि | हि | pos=i |
विपर्ययः | विपर्यय | pos=n,g=m,c=1,n=s |