रामायणम् — 2.17.30
Original
Segmented
स्थिरम् हि नूनम् हृदयम् मे आयसम् न भिद्यते यद् भुवि न अवदीर्यते अनेन दुःखेन च देहम् अर्पितम् ध्रुवम् ह्य् अकाले मरणम् न विद्यते
Analysis
Word | Lemma | Parse |
---|---|---|
स्थिरम् | स्थिर | pos=a,g=n,c=1,n=s |
हि | हि | pos=i |
नूनम् | नूनम् | pos=i |
हृदयम् | हृदय | pos=n,g=n,c=1,n=s |
मे | मद् | pos=n,g=,c=6,n=s |
आयसम् | आयस | pos=a,g=n,c=1,n=s |
न | न | pos=i |
भिद्यते | भिद् | pos=v,p=3,n=s,l=lat |
यद् | यत् | pos=i |
भुवि | भू | pos=n,g=f,c=7,n=s |
न | न | pos=i |
अवदीर्यते | अवदृ | pos=v,p=3,n=s,l=lat |
अनेन | इदम् | pos=n,g=n,c=3,n=s |
दुःखेन | दुःख | pos=n,g=n,c=3,n=s |
च | च | pos=i |
देहम् | देह | pos=n,g=n,c=1,n=s |
अर्पितम् | अर्पय् | pos=va,g=n,c=1,n=s,f=part |
ध्रुवम् | ध्रुव | pos=a,g=n,c=1,n=s |
ह्य् | हि | pos=i |
अकाले | अकाल | pos=n,g=m,c=7,n=s |
मरणम् | मरण | pos=n,g=n,c=1,n=s |
न | न | pos=i |
विद्यते | विद् | pos=v,p=3,n=s,l=lat |