रामायणम् — 2.16.7
Original
Segmented
अचिन्त्य-कल्पम् हि पितुस् तम् शोकम् उपधारयन् बभूव संरब्धतरः समुद्र इव पर्वणि
Analysis
Word | Lemma | Parse |
---|---|---|
अचिन्त्य | अचिन्त्य | pos=a,comp=y |
कल्पम् | कल्प | pos=n,g=m,c=2,n=s |
हि | हि | pos=i |
पितुस् | पितृ | pos=n,g=m,c=6,n=s |
तम् | तद् | pos=n,g=m,c=2,n=s |
शोकम् | शोक | pos=n,g=m,c=2,n=s |
उपधारयन् | उपधारय् | pos=va,g=m,c=1,n=s,f=part |
बभूव | भू | pos=v,p=3,n=s,l=lit |
संरब्धतरः | संरब्धतर | pos=a,g=m,c=1,n=s |
समुद्र | समुद्र | pos=n,g=m,c=1,n=s |
इव | इव | pos=i |
पर्वणि | पर्वन् | pos=n,g=n,c=7,n=s |