Original

न चास्य महतीं लक्ष्मीं राज्यनाशोऽपकर्षति ।लोककान्तस्य कान्तत्वं शीतरश्मेरिव क्षपा ॥ ५८ ॥

Segmented

न च अस्य महतीम् लक्ष्मीम् राज्य-नाशः ऽपकर्षति लोक-कान्तस्य कान्त-त्वम् शीतरश्मेः इव क्षपा

Analysis

Word Lemma Parse
pos=i
pos=i
अस्य इदम् pos=n,g=m,c=6,n=s
महतीम् महत् pos=a,g=f,c=2,n=s
लक्ष्मीम् लक्ष्मी pos=n,g=f,c=2,n=s
राज्य राज्य pos=n,comp=y
नाशः नाश pos=n,g=m,c=1,n=s
ऽपकर्षति अपकृष् pos=v,p=3,n=s,l=lat
लोक लोक pos=n,comp=y
कान्तस्य कान्त pos=a,g=m,c=6,n=s
कान्त कान्त pos=a,comp=y
त्वम् त्व pos=n,g=n,c=2,n=s
शीतरश्मेः शीतरश्मि pos=n,g=m,c=6,n=s
इव इव pos=i
क्षपा क्षपा pos=n,g=f,c=1,n=s