रामायणम् — 2.15.14
Original
Segmented
ततः प्रविष्टे पितुः अन्तिकम् तदा जनः स सर्वो मुदितो नृप-आत्मजे प्रतीक्षते तस्य पुनः स्म निर्गमम् यथा उदयम् चन्द्रमसः सरित्पतिः
Analysis
Word | Lemma | Parse |
---|---|---|
ततः | ततस् | pos=i |
प्रविष्टे | प्रविश् | pos=va,g=m,c=7,n=s,f=part |
पितुः | पितृ | pos=n,g=m,c=6,n=s |
अन्तिकम् | अन्तिक | pos=n,g=n,c=2,n=s |
तदा | तदा | pos=i |
जनः | जन | pos=n,g=m,c=1,n=s |
स | तद् | pos=n,g=m,c=1,n=s |
सर्वो | सर्व | pos=n,g=m,c=1,n=s |
मुदितो | मुद् | pos=va,g=m,c=1,n=s,f=part |
नृप | नृप | pos=n,comp=y |
आत्मजे | आत्मज | pos=n,g=m,c=7,n=s |
प्रतीक्षते | प्रतीक्ष् | pos=v,p=3,n=s,l=lat |
तस्य | तद् | pos=n,g=m,c=6,n=s |
पुनः | पुनर् | pos=i |
स्म | स्म | pos=i |
निर्गमम् | निर्गम | pos=n,g=m,c=2,n=s |
यथा | यथा | pos=i |
उदयम् | उदय | pos=n,g=m,c=2,n=s |
चन्द्रमसः | चन्द्रमस् | pos=n,g=m,c=6,n=s |
सरित्पतिः | सरित्पति | pos=n,g=m,c=1,n=s |