Original

स रामो रथमास्थाय संप्रहृष्टसुहृज्जनः ।अपश्यन्नगरं श्रीमान्नानाजनसमाकुलम् ॥ १ ॥

Segmented

स रामो रथम् आस्थाय सम्प्रहृः-सुहृद्-जनः अपश्यन् नगरम् श्रीमान् नाना जन-समाकुलम्

Analysis

Word Lemma Parse
तद् pos=n,g=m,c=1,n=s
रामो राम pos=n,g=m,c=1,n=s
रथम् रथ pos=n,g=m,c=2,n=s
आस्थाय आस्था pos=vi
सम्प्रहृः सम्प्रहृष् pos=va,comp=y,f=part
सुहृद् सुहृद् pos=n,comp=y
जनः जन pos=n,g=m,c=1,n=s
अपश्यन् पश् pos=v,p=3,n=s,l=lan
नगरम् नगर pos=n,g=n,c=2,n=s
श्रीमान् श्रीमत् pos=a,g=m,c=1,n=s
नाना नाना pos=i
जन जन pos=n,comp=y
समाकुलम् समाकुल pos=a,g=n,c=2,n=s