रामायणम् — 2.14.27
Original
Segmented
करेणु-मातङ्ग-रथ-अश्व-संकुलम् महा-जन-ओघैः परिपूर्ण-चत्वरम् प्रभूत-रत्नम् बहु-पण्य-संचयम् ददर्श रामो रुचिरम् महापथम्
Analysis
Word | Lemma | Parse |
---|---|---|
करेणु | करेणु | pos=n,comp=y |
मातङ्ग | मातंग | pos=n,comp=y |
रथ | रथ | pos=n,comp=y |
अश्व | अश्व | pos=n,comp=y |
संकुलम् | संकुल | pos=a,g=m,c=2,n=s |
महा | महत् | pos=a,comp=y |
जन | जन | pos=n,comp=y |
ओघैः | ओघ | pos=n,g=m,c=3,n=p |
परिपूर्ण | परिपृ | pos=va,comp=y,f=part |
चत्वरम् | चत्वर | pos=n,g=m,c=2,n=s |
प्रभूत | प्रभूत | pos=a,comp=y |
रत्नम् | रत्न | pos=n,g=m,c=2,n=s |
बहु | बहु | pos=a,comp=y |
पण्य | पण्य | pos=n,comp=y |
संचयम् | संचय | pos=n,g=m,c=2,n=s |
ददर्श | दृश् | pos=v,p=3,n=s,l=lit |
रामो | राम | pos=n,g=m,c=1,n=s |
रुचिरम् | रुचिर | pos=a,g=m,c=2,n=s |
महापथम् | महापथ | pos=n,g=m,c=2,n=s |