Original

स राजवचनं श्रुत्वा शिरसा प्रतिपूज्य तम् ।निर्जगाम नृपावासान्मन्यमानः प्रियं महत् ॥ २२ ॥

Segmented

स राज-वचनम् श्रुत्वा शिरसा प्रतिपूज्य तम् निर्जगाम नृप-आवासात् मन्यमानः प्रियम् महत्

Analysis

Word Lemma Parse
तद् pos=n,g=m,c=1,n=s
राज राजन् pos=n,comp=y
वचनम् वचन pos=n,g=n,c=2,n=s
श्रुत्वा श्रु pos=vi
शिरसा शिरस् pos=n,g=n,c=3,n=s
प्रतिपूज्य प्रतिपूजय् pos=vi
तम् तद् pos=n,g=m,c=2,n=s
निर्जगाम निर्गम् pos=v,p=3,n=s,l=lit
नृप नृप pos=n,comp=y
आवासात् आवास pos=n,g=m,c=5,n=s
मन्यमानः मन् pos=va,g=m,c=1,n=s,f=part
प्रियम् प्रिय pos=a,g=n,c=2,n=s
महत् महत् pos=a,g=n,c=2,n=s