Original

संश्रुत्य शैब्यः श्येनाय स्वां तनुं जगतीपतिः ।प्रदाय पक्षिणो राजञ्जगाम गतिमुत्तमाम् ॥ ४ ॥

Segmented

संश्रुत्य शैब्यः श्येनाय स्वाम् तनुम् जगतीपतिः प्रदाय पक्षिणो राजञ् जगाम गतिम् उत्तमाम्

Analysis

Word Lemma Parse
संश्रुत्य संश्रु pos=vi
शैब्यः शैब्य pos=n,g=m,c=1,n=s
श्येनाय श्येन pos=n,g=m,c=4,n=s
स्वाम् स्व pos=a,g=f,c=2,n=s
तनुम् तनु pos=n,g=f,c=2,n=s
जगतीपतिः जगतीपति pos=n,g=m,c=1,n=s
प्रदाय प्रदा pos=vi
पक्षिणो पक्षिन् pos=n,g=m,c=6,n=s
राजञ् राजन् pos=n,g=m,c=8,n=s
जगाम गम् pos=v,p=3,n=s,l=lit
गतिम् गति pos=n,g=f,c=2,n=s
उत्तमाम् उत्तम pos=a,g=f,c=2,n=s