Original

अलंकुरु च तावत्त्वं प्रत्यक्षं मम मैथिलि ।प्रीतिं जनय मे वत्स दिव्यालंकारशोभिनी ॥ ११ ॥

Segmented

अलंकुरु च तावत् त्वम् प्रत्यक्षम् मम मैथिलि प्रीतिम् जनय मे वत्स दिव्य-अलंकार-शोभिनी

Analysis

Word Lemma Parse
अलंकुरु अलंकृ pos=v,p=2,n=s,l=lot
pos=i
तावत् तावत् pos=i
त्वम् त्वद् pos=n,g=,c=1,n=s
प्रत्यक्षम् प्रत्यक्ष pos=a,g=n,c=2,n=s
मम मद् pos=n,g=,c=6,n=s
मैथिलि मैथिली pos=n,g=f,c=8,n=s
प्रीतिम् प्रीति pos=n,g=f,c=2,n=s
जनय जनय् pos=v,p=2,n=s,l=lot
मे मद् pos=n,g=,c=6,n=s
वत्स वत्स pos=n,g=m,c=8,n=s
दिव्य दिव्य pos=a,comp=y
अलंकार अलंकार pos=n,comp=y
शोभिनी शोभिन् pos=a,g=f,c=1,n=s