रामायणम् — 2.110.39
Original
Segmented
असंचाल्यम् मनुष्यैः च यत्नेन अपि च गौरवात् तन् न शक्ता नमयितुम् स्वप्नेष्व् अपि नराधिपाः
Analysis
Word | Lemma | Parse |
---|---|---|
असंचाल्यम् | असंचाल्य | pos=a,g=n,c=2,n=s |
मनुष्यैः | मनुष्य | pos=n,g=m,c=3,n=p |
च | च | pos=i |
यत्नेन | यत्न | pos=n,g=m,c=3,n=s |
अपि | अपि | pos=i |
च | च | pos=i |
गौरवात् | गौरव | pos=n,g=n,c=5,n=s |
तन् | तद् | pos=n,g=n,c=2,n=s |
न | न | pos=i |
शक्ता | शक् | pos=va,g=m,c=1,n=p,f=part |
नमयितुम् | नमय् | pos=vi |
स्वप्नेष्व् | स्वप्न | pos=n,g=m,c=7,n=p |
अपि | अपि | pos=i |
नराधिपाः | नराधिप | pos=n,g=m,c=1,n=p |