Original

शिथिलां वलितां वृद्धां जरापाण्डुरमूर्धजाम् ।सततं वेपमानाङ्गीं प्रवाते कदली यथा ॥ १८ ॥

Segmented

शिथिलाम् वलिताम् वृद्धाम् जरा-पाण्डुर-मूर्धजाम् सततम् विप्-अङ्गीम् प्रवाते कदली यथा

Analysis

Word Lemma Parse
शिथिलाम् शिथिल pos=a,g=f,c=2,n=s
वलिताम् वलित pos=a,g=f,c=2,n=s
वृद्धाम् वृद्ध pos=a,g=f,c=2,n=s
जरा जरा pos=n,comp=y
पाण्डुर पाण्डुर pos=a,comp=y
मूर्धजाम् मूर्धज pos=n,g=f,c=2,n=s
सततम् सततम् pos=i
विप् विप् pos=va,comp=y,f=part
अङ्गीम् अङ्ग pos=a,g=f,c=2,n=s
प्रवाते प्रवात pos=n,g=n,c=7,n=s
कदली कदल pos=n,g=f,c=1,n=s
यथा यथा pos=i