रामायणम् — 2.108.2
Original
Segmented
ये तत्र चित्रकूटस्य पुरस्तात् तापस-आश्रमे रामम् आश्रित्य निरतास् तान् अलक्षयद् उत्सुकान्
Analysis
Word | Lemma | Parse |
---|---|---|
ये | यद् | pos=n,g=m,c=1,n=p |
तत्र | तत्र | pos=i |
चित्रकूटस्य | चित्रकूट | pos=n,g=m,c=6,n=s |
पुरस्तात् | पुरस्तात् | pos=i |
तापस | तापस | pos=n,comp=y |
आश्रमे | आश्रम | pos=n,g=m,c=7,n=s |
रामम् | राम | pos=n,g=m,c=2,n=s |
आश्रित्य | आश्रि | pos=vi |
निरतास् | निरम् | pos=va,g=m,c=1,n=p,f=part |
तान् | तद् | pos=n,g=m,c=2,n=p |
अलक्षयद् | लक्षय् | pos=v,p=3,n=s,l=lan |
उत्सुकान् | उत्सुक | pos=a,g=m,c=2,n=p |