रामायणम् — 2.107.6
Original
Segmented
नित्यम् ते बन्धु-लुब्धस्य तिष्ठतो भ्रातृ-सौहृदे आर्य-मार्गम् प्रपन्नस्य न अनुमन्येत कः पुमान्
Analysis
Word | Lemma | Parse |
---|---|---|
नित्यम् | नित्यम् | pos=i |
ते | त्वद् | pos=n,g=,c=6,n=s |
बन्धु | बन्धु | pos=n,comp=y |
लुब्धस्य | लुभ् | pos=va,g=m,c=6,n=s,f=part |
तिष्ठतो | स्था | pos=va,g=m,c=6,n=s,f=part |
भ्रातृ | भ्रातृ | pos=n,comp=y |
सौहृदे | सौहृद | pos=n,g=n,c=7,n=s |
आर्य | आर्य | pos=n,comp=y |
मार्गम् | मार्ग | pos=n,g=m,c=2,n=s |
प्रपन्नस्य | प्रपद् | pos=va,g=m,c=6,n=s,f=part |
न | न | pos=i |
अनुमन्येत | अनुमन् | pos=v,p=3,n=s,l=vidhilin |
कः | क | pos=n,g=m,c=1,n=s |
पुमान् | पुंस् | pos=n,g=m,c=1,n=s |