रामायणम् — 2.107.18
Original
Segmented
अभिषिक्ते तु काकुत्स्थे प्रहृः-मुदिते जने प्रीतिः मम यशः च एव भवेद् राज्याच् चतुर्गुणम्
Analysis
Word | Lemma | Parse |
---|---|---|
अभिषिक्ते | अभिषिच् | pos=va,g=m,c=7,n=s,f=part |
तु | तु | pos=i |
काकुत्स्थे | काकुत्स्थ | pos=n,g=m,c=7,n=s |
प्रहृः | प्रहृष् | pos=va,comp=y,f=part |
मुदिते | मुद् | pos=va,g=m,c=7,n=s,f=part |
जने | जन | pos=n,g=m,c=7,n=s |
प्रीतिः | प्रीति | pos=n,g=f,c=1,n=s |
मम | मद् | pos=n,g=,c=6,n=s |
यशः | यशस् | pos=n,g=n,c=1,n=s |
च | च | pos=i |
एव | एव | pos=i |
भवेद् | भू | pos=v,p=3,n=s,l=vidhilin |
राज्याच् | राज्य | pos=n,g=n,c=5,n=s |
चतुर्गुणम् | चतुर्गुण | pos=a,g=n,c=1,n=s |