रामायणम् — 2.104.14
Original
Segmented
इत्य् उक्त्वा न्यपतद् भ्रातुः पादयोः भरतस् तदा भृशम् सम्प्रार्थयामास रामम् एवम् प्रियंवदः
Analysis
Word | Lemma | Parse |
---|---|---|
इत्य् | इति | pos=i |
उक्त्वा | वच् | pos=vi |
न्यपतद् | निपत् | pos=v,p=3,n=s,l=lan |
भ्रातुः | भ्रातृ | pos=n,g=m,c=6,n=s |
पादयोः | पाद | pos=n,g=m,c=7,n=d |
भरतस् | भरत | pos=n,g=m,c=1,n=s |
तदा | तदा | pos=i |
भृशम् | भृशम् | pos=i |
सम्प्रार्थयामास | सम्प्रार्थय् | pos=v,p=3,n=s,l=lit |
रामम् | राम | pos=n,g=m,c=2,n=s |
एवम् | एवम् | pos=i |
प्रियंवदः | प्रियंवद | pos=a,g=m,c=1,n=s |