रामायणम् — 2.100.12
Original
Segmented
अर्थ-धर्म-परे ये ये तांस् ताञ् शोचामि न इतरान् ते हि दुःखम् इह प्राप्य विनाशम् प्रेत्य भेजिरे
Analysis
Word | Lemma | Parse |
---|---|---|
अर्थ | अर्थ | pos=n,comp=y |
धर्म | धर्म | pos=n,comp=y |
परे | पर | pos=n,g=m,c=1,n=p |
ये | यद् | pos=n,g=m,c=1,n=p |
ये | यद् | pos=n,g=m,c=1,n=p |
तांस् | तद् | pos=n,g=m,c=2,n=p |
ताञ् | तद् | pos=n,g=m,c=2,n=p |
शोचामि | शुच् | pos=v,p=1,n=s,l=lat |
न | न | pos=i |
इतरान् | इतर | pos=n,g=m,c=2,n=p |
ते | तद् | pos=n,g=m,c=1,n=p |
हि | हि | pos=i |
दुःखम् | दुःख | pos=n,g=n,c=2,n=s |
इह | इह | pos=i |
प्राप्य | प्राप् | pos=vi |
विनाशम् | विनाश | pos=n,g=m,c=2,n=s |
प्रेत्य | प्रे | pos=vi |
भेजिरे | भज् | pos=v,p=3,n=p,l=lit |