रामायणम् — 2.10.7
Original
Segmented
यद् इदम् मम दुःखाय शेषे कल्याणि पांसुषु भूमौ शेषे किम् अर्थम् त्वम् मयि कल्याण-चेतसि भूत-उपहत-चित्ता इव मम चित्त-प्रमाथिन्
Analysis
Word | Lemma | Parse |
---|---|---|
यद् | यद् | pos=n,g=n,c=1,n=s |
इदम् | इदम् | pos=n,g=n,c=1,n=s |
मम | मद् | pos=n,g=,c=6,n=s |
दुःखाय | दुःख | pos=n,g=n,c=4,n=s |
शेषे | शी | pos=v,p=2,n=s,l=lat |
कल्याणि | कल्याण | pos=a,g=f,c=8,n=s |
पांसुषु | पांसु | pos=n,g=m,c=7,n=p |
भूमौ | भूमि | pos=n,g=f,c=7,n=s |
शेषे | शी | pos=v,p=2,n=s,l=lat |
किम् | क | pos=n,g=n,c=2,n=s |
अर्थम् | अर्थ | pos=n,g=n,c=2,n=s |
त्वम् | त्वद् | pos=n,g=,c=1,n=s |
मयि | मद् | pos=n,g=,c=7,n=s |
कल्याण | कल्याण | pos=a,comp=y |
चेतसि | चेतस् | pos=n,g=m,c=7,n=s |
भूत | भूत | pos=n,comp=y |
उपहत | उपहन् | pos=va,comp=y,f=part |
चित्ता | चित्त | pos=n,g=f,c=1,n=s |
इव | इव | pos=i |
मम | मद् | pos=n,g=,c=6,n=s |
चित्त | चित्त | pos=n,comp=y |
प्रमाथिन् | प्रमाथिन् | pos=a,g=f,c=1,n=s |