Original

यदिदं मम दुःखाय शेषे कल्याणि पांसुषु ।भूमौ शेषे किमर्थं त्वं मयि कल्याण चेतसि ।भूतोपहतचित्तेव मम चित्तप्रमाथिनी ॥ ७ ॥

Segmented

यद् इदम् मम दुःखाय शेषे कल्याणि पांसुषु भूमौ शेषे किम् अर्थम् त्वम् मयि कल्याण-चेतसि भूत-उपहत-चित्ता इव मम चित्त-प्रमाथिन्

Analysis

Word Lemma Parse
यद् यद् pos=n,g=n,c=1,n=s
इदम् इदम् pos=n,g=n,c=1,n=s
मम मद् pos=n,g=,c=6,n=s
दुःखाय दुःख pos=n,g=n,c=4,n=s
शेषे शी pos=v,p=2,n=s,l=lat
कल्याणि कल्याण pos=a,g=f,c=8,n=s
पांसुषु पांसु pos=n,g=m,c=7,n=p
भूमौ भूमि pos=n,g=f,c=7,n=s
शेषे शी pos=v,p=2,n=s,l=lat
किम् pos=n,g=n,c=2,n=s
अर्थम् अर्थ pos=n,g=n,c=2,n=s
त्वम् त्वद् pos=n,g=,c=1,n=s
मयि मद् pos=n,g=,c=7,n=s
कल्याण कल्याण pos=a,comp=y
चेतसि चेतस् pos=n,g=m,c=7,n=s
भूत भूत pos=n,comp=y
उपहत उपहन् pos=va,comp=y,f=part
चित्ता चित्त pos=n,g=f,c=1,n=s
इव इव pos=i
मम मद् pos=n,g=,c=6,n=s
चित्त चित्त pos=n,comp=y
प्रमाथिन् प्रमाथिन् pos=a,g=f,c=1,n=s