रामायणम् — 2.10.32
Original
Segmented
चिरेण तु नृपः संज्ञाम् प्रतिलभ्य सु दुःखितः कैकेयीम् अब्रवीत् क्रुद्धः प्रदहन्न् इव चक्षुषा
Analysis
Word | Lemma | Parse |
---|---|---|
चिरेण | चिरेण | pos=i |
तु | तु | pos=i |
नृपः | नृप | pos=n,g=m,c=1,n=s |
संज्ञाम् | संज्ञा | pos=n,g=f,c=2,n=s |
प्रतिलभ्य | प्रतिलभ् | pos=vi |
सु | सु | pos=i |
दुःखितः | दुःखित | pos=a,g=m,c=1,n=s |
कैकेयीम् | कैकेयी | pos=n,g=f,c=2,n=s |
अब्रवीत् | ब्रू | pos=v,p=3,n=s,l=lan |
क्रुद्धः | क्रुध् | pos=va,g=m,c=1,n=s,f=part |
प्रदहन्न् | प्रदह् | pos=va,g=m,c=1,n=s,f=part |
इव | इव | pos=i |
चक्षुषा | चक्षुस् | pos=n,g=n,c=3,n=s |