रामायणम् — 2.1.37
Original
Segmented
स लब्ध-मानेभिः विनय-अन्वितैः नृपैः पुर-आलयैः जानपदैः च मानवैः उपोपविष्टैः नृपतिः वृतो बभौ सहस्रचक्षुः भगवान् इव अमरैः
Analysis
Word | Lemma | Parse |
---|---|---|
स | तद् | pos=n,g=m,c=1,n=s |
लब्ध | लभ् | pos=va,comp=y,f=part |
मानेभिः | मान | pos=n,g=m,c=3,n=p |
विनय | विनय | pos=n,comp=y |
अन्वितैः | अन्वित | pos=a,g=m,c=3,n=p |
नृपैः | नृप | pos=n,g=m,c=3,n=p |
पुर | पुर | pos=n,comp=y |
आलयैः | आलय | pos=n,g=m,c=3,n=p |
जानपदैः | जानपद | pos=n,g=m,c=3,n=p |
च | च | pos=i |
मानवैः | मानव | pos=n,g=m,c=3,n=p |
उपोपविष्टैः | उपोपविश् | pos=va,g=m,c=3,n=p,f=part |
नृपतिः | नृपति | pos=n,g=m,c=1,n=s |
वृतो | वृ | pos=va,g=m,c=1,n=s,f=part |
बभौ | भा | pos=v,p=3,n=s,l=lit |
सहस्रचक्षुः | सहस्रचक्षु | pos=a,g=m,c=1,n=s |
भगवान् | भगवत् | pos=a,g=m,c=1,n=s |
इव | इव | pos=i |
अमरैः | अमर | pos=n,g=m,c=3,n=p |