रामायणम् — 2.1.31
Original
Segmented
वृद्धि-कामः हि लोकस्य सर्व-भूत-अनुकम्पनः मत्तः प्रियतरो लोके पर्जन्य इव वृष्टिमान्
Analysis
Word | Lemma | Parse |
---|---|---|
वृद्धि | वृद्धि | pos=n,comp=y |
कामः | काम | pos=n,g=m,c=1,n=s |
हि | हि | pos=i |
लोकस्य | लोक | pos=n,g=m,c=6,n=s |
सर्व | सर्व | pos=n,comp=y |
भूत | भूत | pos=n,comp=y |
अनुकम्पनः | अनुकम्पन | pos=n,g=m,c=1,n=s |
मत्तः | मद् | pos=n,g=m,c=5,n=s |
प्रियतरो | प्रियतर | pos=a,g=m,c=1,n=s |
लोके | लोक | pos=n,g=m,c=7,n=s |
पर्जन्य | पर्जन्य | pos=n,g=m,c=1,n=s |
इव | इव | pos=i |
वृष्टिमान् | वृष्टिमत् | pos=a,g=m,c=1,n=s |