रामायणम् — 2.1.26
Original
Segmented
एवम् श्रेष्ठैः गुणैः युक्तः प्रजानाम् पार्थिव-आत्मजः संमतस् त्रिषु लोकेषु वसुधायाः क्षमा-गुणैः बुद्ध्या बृहस्पतेस् तुल्यो वीर्येण अपि शचीपतेः
Analysis
Word | Lemma | Parse |
---|---|---|
एवम् | एवम् | pos=i |
श्रेष्ठैः | श्रेष्ठ | pos=a,g=m,c=3,n=p |
गुणैः | गुण | pos=n,g=m,c=3,n=p |
युक्तः | युज् | pos=va,g=m,c=1,n=s,f=part |
प्रजानाम् | प्रजा | pos=n,g=f,c=6,n=p |
पार्थिव | पार्थिव | pos=n,comp=y |
आत्मजः | आत्मज | pos=n,g=m,c=1,n=s |
संमतस् | सम्मन् | pos=va,g=m,c=1,n=s,f=part |
त्रिषु | त्रि | pos=n,g=m,c=7,n=p |
लोकेषु | लोक | pos=n,g=m,c=7,n=p |
वसुधायाः | वसुधा | pos=n,g=f,c=6,n=s |
क्षमा | क्षमा | pos=n,comp=y |
गुणैः | गुण | pos=n,g=m,c=3,n=p |
बुद्ध्या | बुद्धि | pos=n,g=f,c=6,n=s |
बृहस्पतेस् | बृहस्पति | pos=n,g=m,c=6,n=s |
तुल्यो | तुल्य | pos=a,g=m,c=1,n=s |
वीर्येण | वीर्य | pos=n,g=n,c=3,n=s |
अपि | अपि | pos=i |
शचीपतेः | शचीपति | pos=n,g=m,c=6,n=s |