रामायणम् — 1.73.10
Original
Segmented
तान् दृष्ट्वा राज-शार्दूलः वसिष्ठम् पर्यपृच्छत असौम्याः पक्षिणो घोरा मृगाः च अपि प्रदक्षिणाः किम् इदम् हृदय-उत्कम्पिन् मनो मम विषीदति
Analysis
Word | Lemma | Parse |
---|---|---|
तान् | तद् | pos=n,g=m,c=2,n=p |
दृष्ट्वा | दृश् | pos=vi |
राज | राजन् | pos=n,comp=y |
शार्दूलः | शार्दूल | pos=n,g=m,c=1,n=s |
वसिष्ठम् | वसिष्ठ | pos=n,g=m,c=2,n=s |
पर्यपृच्छत | परिप्रच्छ् | pos=v,p=3,n=s,l=lan |
असौम्याः | असौम्य | pos=a,g=m,c=1,n=p |
पक्षिणो | पक्षिन् | pos=n,g=m,c=1,n=p |
घोरा | घोर | pos=a,g=m,c=1,n=p |
मृगाः | मृग | pos=n,g=m,c=1,n=p |
च | च | pos=i |
अपि | अपि | pos=i |
प्रदक्षिणाः | प्रदक्षिण | pos=a,g=m,c=1,n=p |
किम् | क | pos=n,g=n,c=1,n=s |
इदम् | इदम् | pos=n,g=n,c=1,n=s |
हृदय | हृदय | pos=n,comp=y |
उत्कम्पिन् | उत्कम्पिन् | pos=a,g=n,c=1,n=s |
मनो | मनस् | pos=n,g=n,c=1,n=s |
मम | मद् | pos=n,g=,c=6,n=s |
विषीदति | विषद् | pos=v,p=3,n=s,l=lat |