Original

वृद्धे पितरि स्वर्याते धर्मेण धुरमावहम् ।भ्रातरं देवसंकाशं स्नेहात्पश्यन्कुशध्वजम् ॥ १५ ॥

Segmented

वृद्धे पितरि स्वर्याते धर्मेण धुरम् आवहम् भ्रातरम् देव-संकाशम् स्नेहात् पश्यन् कुशध्वजम्

Analysis

Word Lemma Parse
वृद्धे वृद्ध pos=a,g=m,c=7,n=s
पितरि पितृ pos=n,g=m,c=7,n=s
स्वर्याते स्वर्यात pos=a,g=m,c=7,n=s
धर्मेण धर्म pos=n,g=m,c=3,n=s
धुरम् धुर pos=n,g=m,c=2,n=s
आवहम् आवह pos=a,g=m,c=2,n=s
भ्रातरम् भ्रातृ pos=n,g=m,c=2,n=s
देव देव pos=n,comp=y
संकाशम् संकाश pos=n,g=m,c=2,n=s
स्नेहात् स्नेह pos=n,g=m,c=5,n=s
पश्यन् दृश् pos=va,g=m,c=1,n=s,f=part
कुशध्वजम् कुशध्वज pos=n,g=m,c=2,n=s