Original

रामलक्ष्मणयोरर्थे त्वत्सुते वरये नृप ।सदृशाभ्यां नरश्रेष्ठ सदृशे दातुमर्हसि ॥ ३२ ॥

Segmented

राम-लक्ष्मणयोः अर्थे त्वद्-सुते वरये नृप सदृशाभ्याम् नर-श्रेष्ठ सदृशे दातुम् अर्हसि

Analysis

Word Lemma Parse
राम राम pos=n,comp=y
लक्ष्मणयोः लक्ष्मण pos=n,g=m,c=6,n=d
अर्थे अर्थ pos=n,g=m,c=7,n=s
त्वद् त्वद् pos=n,comp=y
सुते सुत pos=n,g=m,c=7,n=s
वरये वरय् pos=v,p=1,n=s,l=lat
नृप नृप pos=n,g=m,c=8,n=s
सदृशाभ्याम् सदृश pos=a,g=m,c=5,n=d
नर नर pos=n,comp=y
श्रेष्ठ श्रेष्ठ pos=a,g=m,c=8,n=s
सदृशे सदृश pos=a,g=m,c=7,n=s
दातुम् दा pos=vi
अर्हसि अर्ह् pos=v,p=2,n=s,l=lat