Original

दृष्टवीर्यस्तु काकुत्स्थो जनकेन महात्मना ।संप्रदानं सुतायास्तु राघवे कर्तुमिच्छति ॥ १६ ॥

Segmented

दृष्ट-वीर्यः तु काकुत्स्थो जनकेन महात्मना सम्प्रदानम् सुतायास् तु राघवे कर्तुम् इच्छति

Analysis

Word Lemma Parse
दृष्ट दृश् pos=va,comp=y,f=part
वीर्यः वीर्य pos=n,g=m,c=1,n=s
तु तु pos=i
काकुत्स्थो काकुत्स्थ pos=n,g=m,c=1,n=s
जनकेन जनक pos=n,g=m,c=3,n=s
महात्मना महात्मन् pos=a,g=m,c=3,n=s
सम्प्रदानम् सम्प्रदान pos=n,g=n,c=2,n=s
सुतायास् सुता pos=n,g=f,c=6,n=s
तु तु pos=i
राघवे राघव pos=n,g=m,c=7,n=s
कर्तुम् कृ pos=vi
इच्छति इष् pos=v,p=3,n=s,l=lat