रामायणम् — 1.61.6
Original
Segmented
स्वर्ग-लोकम् उपाश्नीयाम् तपस् तप्त्वा ह्य् अनुत्तमम् स मे नाथो ह्य् अनाथस्य भव भव्येन चेतसा पिता इव पुत्रम् धर्म-आत्मन् त्रातुम् अर्हसि किल्बिषात्
Analysis
Word | Lemma | Parse |
---|---|---|
स्वर्ग | स्वर्ग | pos=n,comp=y |
लोकम् | लोक | pos=n,g=m,c=2,n=s |
उपाश्नीयाम् | उपाश् | pos=v,p=1,n=s,l=vidhilin |
तपस् | तपस् | pos=n,g=n,c=2,n=s |
तप्त्वा | तप् | pos=vi |
ह्य् | हि | pos=i |
अनुत्तमम् | अनुत्तम | pos=a,g=n,c=2,n=s |
स | तद् | pos=n,g=m,c=1,n=s |
मे | मद् | pos=n,g=,c=6,n=s |
नाथो | नाथ | pos=n,g=m,c=1,n=s |
ह्य् | हि | pos=i |
अनाथस्य | अनाथ | pos=a,g=m,c=6,n=s |
भव | भू | pos=v,p=2,n=s,l=lot |
भव्येन | भव्य | pos=a,g=n,c=3,n=s |
चेतसा | चेतस् | pos=n,g=n,c=3,n=s |
पिता | पितृ | pos=n,g=m,c=1,n=s |
इव | इव | pos=i |
पुत्रम् | पुत्र | pos=n,g=m,c=2,n=s |
धर्म | धर्म | pos=n,comp=y |
आत्मन् | आत्मन् | pos=n,g=m,c=8,n=s |
त्रातुम् | त्रा | pos=vi |
अर्हसि | अर्ह् | pos=v,p=2,n=s,l=lat |
किल्बिषात् | किल्बिष | pos=n,g=n,c=5,n=s |