रामायणम् — 1.6.7
Original
Segmented
न अल्प-संनिचयः कश्चिद् आसीत् तस्मिन् पुर-उत्तमे कुटुम्बी यो ह्य् असिद्ध-अर्थः अगव-अश्व-धन-धान्यवत्
Analysis
Word | Lemma | Parse |
---|---|---|
न | न | pos=i |
अल्प | अल्प | pos=a,comp=y |
संनिचयः | संनिचय | pos=n,g=m,c=1,n=s |
कश्चिद् | कश्चित् | pos=n,g=m,c=1,n=s |
आसीत् | अस् | pos=v,p=3,n=s,l=lan |
तस्मिन् | तद् | pos=n,g=n,c=7,n=s |
पुर | पुर | pos=n,comp=y |
उत्तमे | उत्तम | pos=a,g=n,c=7,n=s |
कुटुम्बी | कुटुम्बिन् | pos=n,g=m,c=1,n=s |
यो | यद् | pos=n,g=m,c=1,n=s |
ह्य् | हि | pos=i |
असिद्ध | असिद्ध | pos=a,comp=y |
अर्थः | अर्थ | pos=n,g=m,c=1,n=s |
अगव | अगव | pos=a,comp=y |
अश्व | अश्व | pos=n,comp=y |
धन | धन | pos=n,comp=y |
धान्यवत् | धान्यवत् | pos=a,g=m,c=1,n=s |