रामायणम् — 1.59.6
Original
Segmented
अग्नि-कल्पः हि भगवाञ् शापम् दास्यति रोषितः तस्मात् प्रवर्त्यताम् यज्ञः स शरीरः यथा दिवम् गच्छेद् इक्ष्वाकु-दायादः विश्वामित्रस्य तेजसा
Analysis
Word | Lemma | Parse |
---|---|---|
अग्नि | अग्नि | pos=n,comp=y |
कल्पः | कल्प | pos=a,g=m,c=1,n=s |
हि | हि | pos=i |
भगवाञ् | भगवत् | pos=a,g=m,c=1,n=s |
शापम् | शाप | pos=n,g=m,c=2,n=s |
दास्यति | दा | pos=v,p=3,n=s,l=lrt |
रोषितः | रोषय् | pos=va,g=m,c=1,n=s,f=part |
तस्मात् | तस्मात् | pos=i |
प्रवर्त्यताम् | प्रवर्तय् | pos=v,p=3,n=s,l=lot |
यज्ञः | यज्ञ | pos=n,g=m,c=1,n=s |
स | स | pos=i |
शरीरः | शरीर | pos=n,g=m,c=1,n=s |
यथा | यथा | pos=i |
दिवम् | दिव् | pos=n,g=m,c=2,n=s |
गच्छेद् | गम् | pos=v,p=3,n=s,l=vidhilin |
इक्ष्वाकु | इक्ष्वाकु | pos=n,comp=y |
दायादः | दायाद | pos=n,g=m,c=1,n=s |
विश्वामित्रस्य | विश्वामित्र | pos=n,g=m,c=6,n=s |
तेजसा | तेजस् | pos=n,g=n,c=3,n=s |