रामायणम् — 1.59.30
Original
Segmented
एवम् भवतु भद्रम् ते तिष्ठन्त्व् एतानि सर्वशः गगने तान्य् अनेकानि वैश्वानर-पथात् बहिः
Analysis
Word | Lemma | Parse |
---|---|---|
एवम् | एवम् | pos=i |
भवतु | भू | pos=v,p=3,n=s,l=lot |
भद्रम् | भद्र | pos=n,g=n,c=1,n=s |
ते | त्वद् | pos=n,g=,c=4,n=s |
तिष्ठन्त्व् | स्था | pos=v,p=3,n=p,l=lot |
एतानि | एतद् | pos=n,g=n,c=1,n=p |
सर्वशः | सर्वशस् | pos=i |
गगने | गगन | pos=n,g=n,c=7,n=s |
तान्य् | तद् | pos=n,g=n,c=1,n=p |
अनेकानि | अनेक | pos=a,g=n,c=1,n=p |
वैश्वानर | वैश्वानर | pos=n,comp=y |
पथात् | पथ | pos=n,g=m,c=5,n=s |
बहिः | बहिस् | pos=i |