रामायणम् — 1.59.28
Original
Segmented
यावल् लोका धरिष्यन्ति तिष्ठन्त्व् एतानि सर्वशः मद्-कृता सुराः सर्वे तद् अनुज्ञातुम् अर्हथ
Analysis
Word | Lemma | Parse |
---|---|---|
यावल् | यावत् | pos=i |
लोका | लोक | pos=n,g=m,c=1,n=p |
धरिष्यन्ति | धृ | pos=v,p=3,n=p,l=lrt |
तिष्ठन्त्व् | स्था | pos=v,p=3,n=p,l=lot |
एतानि | एतद् | pos=n,g=n,c=1,n=p |
सर्वशः | सर्वशस् | pos=i |
मद् | मद् | pos=n,comp=y |
कृता | कृ | pos=va,g=n,c=2,n=p,f=part |
सुराः | सुर | pos=n,g=m,c=8,n=p |
सर्वे | सर्व | pos=n,g=m,c=1,n=p |
तद् | तद् | pos=n,g=n,c=2,n=s |
अनुज्ञातुम् | अनुज्ञा | pos=vi |
अर्हथ | अर्ह् | pos=v,p=2,n=p,l=lat |